घर भी नहीं सुरक्षित मेरा, डर के सायों से बाहर भी जाऊं तो मन डरता है गैरों से। घर भी नहीं सुरक्षित मेरा, डर के सायों से बाहर भी जाऊं तो मन डरता है गैर...
जगह वही बस नाम ही बदला, तेरा सिंदूर लगाने वाली का। जगह वही बस नाम ही बदला, तेरा सिंदूर लगाने वाली का।
अपने व्यवहार में मिठास, इतनी भी ना घोली। की उसे चापलूसी का नाम मिला अपने व्यवहार में मिठास, इतनी भी ना घोली। की उसे चापलूसी का नाम मिला
हो जैसे प्राकृति का उद्धार, लहू में हो प्रेम का संचार हो जैसे प्राकृति का उद्धार, लहू में हो प्रेम का संचार
बहुत रुलाया इंसा तूने,अब यह तुमको रुला रही है। बहुत रुलाया इंसा तूने,अब यह तुमको रुला रही है।
जीतने की हद तक लड़ना होगा, हर पराजय को भूलना होगा। जीतने की हद तक लड़ना होगा, हर पराजय को भूलना होगा।