मेरी जल की धारा ने सात सुरों में प्रथम सुर सा, ध्वनि से भर। मेरी जल की धारा ने सात सुरों में प्रथम सुर सा, ध्वनि से भर।
सूरज की किरणों ने निशा के तम को दूर किया रात्रि कितनी भी लंबी हो ढल जाती है सूरज की किरणों ने निशा के तम को दूर किया रात्रि कितनी भी लंबी हो ढल जात...
हो जैसे प्राकृति का उद्धार, लहू में हो प्रेम का संचार हो जैसे प्राकृति का उद्धार, लहू में हो प्रेम का संचार
मैं खोज रहा था जब हाला जब हाथ लिए खाली प्याला तुम आई किसी अप्सरा सी मैं तुरत हो गया मतवाला तुम ह... मैं खोज रहा था जब हाला जब हाथ लिए खाली प्याला तुम आई किसी अप्सरा सी मैं तुरत ...
निज कर्म एवं अभिव्यक्ति से मानव की सेवा भक्ति से। निज कर्म एवं अभिव्यक्ति से मानव की सेवा भक्ति से।
हर ओर खुशियों का संचार हो सुख समृद्धि दिन दिन बढ़े। हर ओर खुशियों का संचार हो सुख समृद्धि दिन दिन बढ़े।