मानवता
मानवता
नव वर्ष की नव संध्या पर
नूतन शक्ति का संचार करें
स्वयं का का उत्थान करें
मानव मात्र का कल्याण करें।
सूर्य की स्फुटित किरणों से
स्वयं की जागृत शक्ति से
निज कर्म एवं अभिव्यक्ति से
मानव की सेवा भक्ति से।
एक नया सोच एक नया पहर
एक नया सवेरा एक नया कलेवर
लायें मुस्कान हर चेहरे पर
प्रेम वातस्लय का भाव प्रकट कर।
स्वार्थ का त्याग करें
परमार्थ का कार्य करें
जन जन मिल यह प्रण करें
मानवता का कर्म करें।