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Ravi Jha

Romance Fantasy

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Ravi Jha

Romance Fantasy

बदनाम शायर!

बदनाम शायर!

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ये कमबख़्त दिल तो अब तेरे नाम हो गया

महफिल में तेरे नाम से वो बदनाम हो गया।


हर रोज देखता था वो चाँद को शौक से

शायद इसलिए खास से वो आम हो गया।


मुद्दतों से छुपा रखी थी जिस बात को उसने

लिखते लिखते वो बात अब सरे-आम हो गया।


बिन इजहार ही चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया

उसे क्या! चर्चा चलाकर वो तो गुमनाम हो गया।


कल अखबार के सुर्खियों में यह समाचार आएगा

कि इश्क में फिर एक आशिक कुर्बान हो गया।

     



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