इश्क
इश्क
बहुत मुस्कुरा रहे हो! उसे थाम लो
ये इश्क है मियां ! संभल के नाम लो।
इश्क गुनाह नहीं है कि तुम न करो
मगर उससे पहले उन्हें पहचान लो।
इश्क एक दरिया हैं इसे पार करना है
मगर डूबना मुनासिब है यह जान लो।
इश्क महज तिज़ारत न रह जाए 'रवि'
सो दिमाग से नहीं दिल से काम लो।

