ग़ज़ल ग़ज़ल
नमस्कार, स्टोरी मिरर डाॅट काॅम में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। आज दो गज़लों के साथ आप... नमस्कार, स्टोरी मिरर डाॅट काॅम में आप सभी पाठकों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। आज...
आँखों को झील,चेह्रे को कंवल नहीं कहता मुहब्बत से लबरेज़ कोई गज़ल नहीं कहता । मेरी रौ आँखों को झील,चेह्रे को कंवल नहीं कहता मुहब्बत से लबरेज़ कोई गज़ल नहीं कहता । ...
अब और टुकड़े करने की किसकी औकात है ? अब और टुकड़े करने की किसकी औकात है ?
हर शख्स यहाँ खुद से ही परेशान बहुत है। हर शख्स यहाँ खुद से ही परेशान बहुत है।
जुदाई-ए-ग़म में दर्द से है कराहता ये दिल। जुदाई-ए-ग़म में दर्द से है कराहता ये दिल।