आँखों को झील,चेह्रे को कंवल नहीं कहता मुहब्बत से लबरेज़ कोई गज़ल नहीं कहता । मेरी रौ आँखों को झील,चेह्रे को कंवल नहीं कहता मुहब्बत से लबरेज़ कोई गज़ल नहीं कहता । ...
प्यार करना ये कबसे खता हो गयी। प्यार करना ये कबसे खता हो गयी।
कौन कहता है वक़्त बुरा है ! कौन कहता है वक़्त बुरा है !
सब छोड़ चले दिल कहता है,रुख मोड़ चले दिल कहता है। सब छोड़ चले दिल कहता है,रुख मोड़ चले दिल कहता है।
जिंदगी श्वेत श्याम से रंगीन हो गई है, हसीनों का हुस्न कुछ और भी रंगीन हो गई है जिंदगी श्वेत श्याम से रंगीन हो गई है, हसीनों का हुस्न कुछ और भी रंगीन हो गई ह...
मुझे अपनों से दूर किया, कितना खुश था मैं डाली पर, तोड़ डाली से दूर किया! मुझे अपनों से दूर किया, कितना खुश था मैं डाली पर, तोड़ डाली से दूर किया!