अंगार, विभूषण यह उनका, विद्युत पीकर जो आते हैं, ऊँघती शिखाओं की लौ में, चेतना नयी भर जाते हैं। अंगार, विभूषण यह उनका, विद्युत पीकर जो आते हैं, ऊँघती शिखाओं की लौ में, चेतना नय...
किस ओर किधर मैं हाथ पसारूं? जग रूठे तो माँ पुकारूं किस ओर किधर मैं हाथ पसारूं? जग रूठे तो माँ पुकारूं
कितने सारे आए जग में, ऊंचाई पाने ख़ातिर लेकिन जो भी आता जग में, आता है जाने ख़ातिर। फिर भी अपनी ऊं... कितने सारे आए जग में, ऊंचाई पाने ख़ातिर लेकिन जो भी आता जग में, आता है जाने ख़ा...
पूरब से नभ में लगी लालिमा छाने। पूरब से नभ में लगी लालिमा छाने।
जब बीती रात कमल दल फुले भौरें तन मन झुला झूले। जब बीती रात कमल दल फुले भौरें तन मन झुला झूले।
छोड़ दे हठ अब सोने का बीती रात कमल दल फूले। छोड़ दे हठ अब सोने का बीती रात कमल दल फूले।