कमल दल फुले
कमल दल फुले
जब बीती रात कमल दल फुले
भौरें तन मन झुला झूले
खग पक्षी नील गगन घुमे
जब बीती रात कमल दल फुले
भौरें तन मन झुला झूले
भोर भये नार पनघट जाये
रंग बिरंगे फूल मुस्काये
दिनकर प्रभा से जग नहलाये
जब बीती रात कमल दल फुले
भौरें तन मन झुला झूले
प्राकृतिक प्रेम से मन प्रफुल्लित
मनोहर पुष्प देख मन हो हर्षित
सुन्दरता से हृदय हो भ्रमित
जब बीती रात कमल दल फुले
भौरें तन मन झुला झूले।
