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Vandana Kumari

Others

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Vandana Kumari

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किसे पुकारूं

किसे पुकारूं

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जग रूठे तो माँ पुकारूं,

माँ रूठे तो किसे पुकारूं?

मैं नासमझ तेरी सृष्टि हूँ|

हर जन्म

तुम्हारी ऋणी हूँ|

पथरीली

दुनिया की डगर से,

मैं अबोध

अभी बच्ची हूँ|

पांव अभी

मेरे छोटे हैं,

जब ठेस लगे

तो किसे पुकारूं?

मैनें

दुनिया नहीं देखी है,

सबको अपना

लाल प्यारा ,

कौन मेरी ओर

देखेगा|

किस ओर किधर

मैं हाथ पसारूं?

जग रूठे तो माँ पुकारूं,

माँ रूठे तो "वंदे"

किसे पुकारूं?



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