काश
काश

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काश ऐसा होता,
देश में नफ़रत नहीं होता
तो देश में प्यार हीं प्यार होता
आज हर देश, हर मुल्क है अशांत
काश कोई हो जो इस आग को करे शांत
काश ऐसा होता,
देश में नफ़रत नहीं होता
आज अधिक लोगों के दिल में,
नफ़रत के शोले धधक रहे हैं
बहुत कम हैं जो,
इस बात को समझ रहे हैं
काश जाति, ऊंच नीच ना होता
तो इंसान -इंसान से ना लड़ता
काश ऐसा होता,
तो "वंदे" देश में नफ़रत नहीं होता