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Vandana Kumari

Romance

3.9  

Vandana Kumari

Romance

तुम मिले

तुम मिले

1 min
170


सबेरा होना 

शाम ढलना 

यूँ ही नहीं 

गुजरा कभी l

सबेरे और साँझ के 

बीच 

पूर्ण होती हैं 

कई जिम्मेदारियां l

समय के 

छोटे हिस्सों 

में बंटे 

कई पूर्ण काम l

समय चक्र और कार्य चक्र 

समानुपात

साथ-साथ

इसी बीच 

तुम क्या मिले 'वंदे'

बेपरवाही ने घेरा मुझे.....

और

बढ़ गई है लापरवाही ।



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