थक गया हूँ इस जिंदगी से बस अपने घर लौटना चाहता हूँ --------------- थक गया हूँ इस जिंदगी से बस अपने घर लौटना चाहता हूँ ---------------
अगर मैं अब नहीं लिख पाता प्रेमगीत तो कारण ये नहीं की तुमसे मोह नहीं रहा मुझे। अगर मैं अब नहीं लिख पाता प्रेमगीत तो कारण ये नहीं की तुमसे मोह नहीं रहा मुझे।
जिम्मेदारियों की राह पर जो चल पड़े, देखते ही देखते शौक़ सारे खो गए। जिम्मेदारियों की राह पर जो चल पड़े, देखते ही देखते शौक़ सारे खो गए।
सबेरे और साँझ के बीच पूर्ण होती हैं कई जिम्मेदारियां सबेरे और साँझ के बीच पूर्ण होती हैं कई जिम्मेदारियां
निश्छल प्रेम उदार होता है क्योंकि निस्वार्थ होता है। निश्छल प्रेम उदार होता है क्योंकि निस्वार्थ होता है।
सुना है, एक माँ उसी समय जन्म लेती है। सुना है, एक माँ उसी समय जन्म लेती है।