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Sadhna Mishra

Tragedy

3  

Sadhna Mishra

Tragedy

ईमान

ईमान

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जिम्मेदारियों की राह पर जो चल पड़े,

देखते ही देखते शौक़ सारे खो गए।


तजुर्बा हालात से सिंदूरी लेकर बढ़े,

देखते ही देखते अश्क सारे खो गए।


लफ्जों को सहेजने जो कागज पर लगे,

श्याही बन ख्वाब सारे कागजो में खो गए।


*ईमान* की शोहरत लिए हम खड़े रहे,

हौसले राह की मुश्किलों में खो गये।



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