STORYMIRROR

Sadhna Mishra

Inspirational

4  

Sadhna Mishra

Inspirational

स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद

1 min
193

विश्वनाथ घर जन्म लिया था

सब परिवार में हर्ष हुआ था।


भुवनेश्वरी मां का मान बढ़ा था

चंचल बालक नरेंद्र हुआ था।


हुगली नदी पर नगर विशेषा

कोलकाता जन में अवशेष।


ज्ञानवान प्रिय वाणी बोले

बातों से मन मिश्री घोले।


कला साहित्य विज्ञान के प्रेमी

 धर्म परायण न्याय के नेगी।


मानव धर्म को ऊपर रखते

प्रेम मय भाव से मन में बसते।


रामकृष्ण को गुरु किया था

सब आनंद से विरत हुआ था।


मन में ईश्वर सदा बिराजे

विश्व पटल पर डंका बाजे।


वेद उपनिषद ज्ञान की वाणी

भारत की बन गए निशानी।


चरणों में हम शीश नवाते

शब्द पुष्प है आज चढ़ाते।


साधना मिश्रा विंध्य

 लखनऊ उत्तर प्रदेश



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational