अब तो आगे बढ़ना है....!
अब तो आगे बढ़ना है....!
कमर कस गई, बाँधी पगड़ी,
नहीं किसी से डरना है,
अब तो आगे बढ़ना है,
आगे ही बढ़ते रहना है...!
आंधी आए, तूफान चले,
उलटा सारा ब्रह्मांड चले,
हो अवरोध राह में फिर भी,
नहीं राह में थकना है,
अब तो आगे बढ़ना है,
आगे ही बढ़ते रहना है...!
उबड़-खाबड़ हो भूमि अगर,
ज्वाला बरसे प्रत्येक प्रहर,
पथ में कांटे ही कांटे हो,
डटकर उनसे लड़ना है,
अब तो आगे बढ़ना है,
आगे ही बढ़ते रहना है...!
चाहे भंवर के आये झोंके,
पर्वत अड़कर रास्ता रोके,
भीषण लू की भी मार पड़े,
बढ़कर लक्ष्य जकड़ना है,
अब तो आगे बढ़ना है,
आगे ही बढ़ते रहना है...!