समय बड़ा बलवान है...!
समय बड़ा बलवान है...!
अब सुख-अब दुख,
आते रुक-रुक;
यही ईश विधान है,
समय बड़ा बलवान है।
आतप-झंझावात सही,
आए प्रलय-प्रवाह भी;
रहता यह गतिमान है,
समय बड़ा बलवान है।
दुर्गम-निर्जन-सघन विटप,
शहरी बहुमंजिली इमारत,
चलायमान अविराम है,
समय बड़ा बलवान है।
मन्दबुद्धि हो या विद्वान,
निर्धन हो या फिर धनवान;
करता व्यवहार समान है,
समय बड़ा बलवान है।