बह चुका बहुत पानी नदियों में अब तक चाहता है तू क्यों मैं वहीं ठहरा रहूँ !! बह चुका बहुत पानी नदियों में अब तक चाहता है तू क्यों मैं वहीं ठहरा रहूँ !!
इस जीवन का कोई भरोसा नहीं , कब हो जाएगा क्या ये अंदाज़ा नहीं ! फिर भी जीवन को जी भर के जीते है लोग... इस जीवन का कोई भरोसा नहीं , कब हो जाएगा क्या ये अंदाज़ा नहीं ! फिर भी जीवन को ...
कल्पना ही स्त्री का सौंदर्य है कल्पना ही इस शरीर में जान है, कल्पना ही मस्तिष्क का ज्ञान है, ये कल्प... कल्पना ही स्त्री का सौंदर्य है कल्पना ही इस शरीर में जान है, कल्पना ही मस्तिष्क ...
प्याज़ की तरह है क़िरदार मेरा, परत दर परत जिसमें कई राज़ दफ़न हैं, जिन्हें जानने के लिए खुद से नाराज़ ह... प्याज़ की तरह है क़िरदार मेरा, परत दर परत जिसमें कई राज़ दफ़न हैं, जिन्हें जानने क...
चाहे कोई हो राजा वज़ीर, प्याजा इस अंगद के पाँव को, रावण भी हिला सकता नहीं। चाहे कोई हो राजा वज़ीर, प्याजा इस अंगद के पाँव को, रावण भी हिला सकता नहीं।
वक्त भी देता, साथ उसका, जो ठान लिया कुछ कर दिखाने का। करना है कुछ, तो बस एक काम कर। बनाए रख "आ... वक्त भी देता, साथ उसका, जो ठान लिया कुछ कर दिखाने का। करना है कुछ, तो बस एक ...