दृष्टि की सीमा तक फैला यह छोटे बड़े पत्थरों का विशाल संयोजन हरियाली चादर ओढ़कर कहीं सफ़ेद रुई की बड़ी गठ... दृष्टि की सीमा तक फैला यह छोटे बड़े पत्थरों का विशाल संयोजन हरियाली चादर ओढ़कर कही...
उगते फूल आमों पर आती बहारें आमों की घनी छाँव तले पशु- पक्षी बना लेते शादी का पांडाल ये ही तो है ... उगते फूल आमों पर आती बहारें आमों की घनी छाँव तले पशु- पक्षी बना लेते शादी का ...
बह चुका बहुत पानी नदियों में अब तक चाहता है तू क्यों मैं वहीं ठहरा रहूँ !! बह चुका बहुत पानी नदियों में अब तक चाहता है तू क्यों मैं वहीं ठहरा रहूँ !!
देखो पूरब में सूरज की लालिमा झलकने लगी है आसमान में देखो आंखों से ओझल होते हुए देखो पूरब में सूरज की लालिमा झलकने लगी है आसमान में देखो आंखों से ओझल ह...
वर्ना तो बस रैन बसेरा है हर एक का अलग अलग डेरा है वर्ना तो बस रैन बसेरा है हर एक का अलग अलग डेरा है
विज़डम से पैदल है वाणी पे ब्रेक। कुछ कहने को हकलू लगता जब ज़ोर। कहते हैं सारे वन्स मोर वन्स मो... विज़डम से पैदल है वाणी पे ब्रेक। कुछ कहने को हकलू लगता जब ज़ोर। कहते हैं स...