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Sadhana Mishra samishra

Inspirational

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Sadhana Mishra samishra

Inspirational

भ्रम..

भ्रम..

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कौन देता है चुनौतियाँ

कि राह मेरी अगम्य है

भीषण रखे पहाड़ पथ पर

और मैं कहूँ कि क्षम्य है !!


वृहदता के प्रमाद को

ढ़ोता अब मैं नहीं

चले जो टेढ़ी चाल तू

अब खींच कर फेक दूँ !!


इक आग है दहक रही

सीने में अब मेरी

समझ कर कुटिल चाल

क्या सदैव मौन रहूँ !!


बह चुका बहुत पानी

नदियों में अब तक

चाहता है तू क्यों

मैं वहीं ठहरा रहूँ !!


समय का पहिया देखो

शनैः शनैः घूम रहा

बदल रहा हूँ मैं भी

पहले सा नहीं रहा !!


बता रहा ज़ोर हवाओं का

तूफान है आने वाला

फिर न कहना कभी

किसी ने कहा नहीं !!


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