STORYMIRROR

Sadhana Mishra samishra

Inspirational

3  

Sadhana Mishra samishra

Inspirational

मुक्तक

मुक्तक

1 min
268

   

दिल से निकला राग ही, करता भावविभोर

आत्मा से जो जुड़े नहीं, वह होता सिर्फ शोर


अपनी भाषा, संस्कृति का, जो करता नहीं मान

भीड़ में खो जाएगा, बचे नहीं पहचान


उधार, नकल की जिंदगी पर, करता जो अभिमान

जड़ बुद्धि वह मानुष है, स्व का नहीं भान



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational