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Shikha Narvariya

Inspirational

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Shikha Narvariya

Inspirational

गुरू

गुरू

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जीवन की हर एक परिस्थिति से लेकर ओर, 

दुनियां के हर रुप से वाकिफ़ हमें कराती है,

पहली गुरु हमारी माँ ही तो कहलाती है.. 


उंगली पकड़ कर साथ-साथ चलना और

संस्कारों की सीख जो हमें जीवन में सिखाते हैं,

दूसरे गुरु हमारे पिता ही तो कहलाते हैं..


बचपन से अच्छे बुरे की सिख दे स्कूल से, 

कालेज की राह तक ज्ञान प्रकाश दिखाते हैं,

तीसरे गुरू हमारे स्कूल अध्यापक ही तो कहलाते हैं..


कालेज के बचपने से लेकर अस्तित्व की पहचान ओर, 

हर कदम पर दुनिया की असलियत हमें समझाते हैं, 

चौथे गुरू हमारे कालेज अध्यापक ही तो कहलाते हैं..


हर रिश्तों को प्यार के साथ ओर उम्मीद से निभाना,

मजबूती से खुद हक के लिए लड़ना हमें बताते हैं,

पाँचवें गुरू हमारे भाई -बहन ही कहलाते हैं..


हर लड़ाई में साथ देना हर वक़्त सहारा देना ओर,

अपना हक सबके सामने बड़े प्यार से जताते हैं, 

आखिरी गुरू हमारे वो जिगरी यार ही तो कहलाते हैं!



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