सच्चा शिक्षक
सच्चा शिक्षक
लेता है शिष्य की आंखों में जब कोई सपना आकार
होती है कृपा गुरु की तो, वो हो जाता है साकार
कठिनाइयों से जब शिष्य घबरा जाता है
शिक्षक ही ऐसे में हिम्मत उसे बंधाता है
दंड, प्रोत्साहन, प्यार, दुलार ये सब हैं शिक्षक के हथियार
किताबी ज्ञान ही नहीं देता, करता है चुनौतियों के लिए भी तैयार
शिक्षक है, धर्म निरपेक्षता का साक्षात स्वरुप
ज्ञान बांटने में देखता नहीं वो शिष्य की जाति, वर्ण या रंग, रुप
सफलता पर शिष्य की गुरू फूला नहीं समाता है
श्रेय थोड़ा सा भी मिले उसको तो आनंद उर में समाता है
गुरू की महिमा होती है अपरम्पार
मिल जाये साथ सच्चे गुरु का, तो हो जाता है अच्छे से बेड़ा पार।