शिक्षक
शिक्षक


देश में मेरे हुए हैं एक से बढ़कर एक शिक्षक महान
है उन गुरुओं पर हम देशवासियों को बहुत अभिमान
है शिक्षक वही जो छुपी प्रतिभा शिष्य की ले पहचान
निखारने में फिर उसे, दे वो अपना कीमती योगदान
शिक्षक ही नहीं, दे सकती है शिक्षा हमें वस्तु भी
जो होती है बेजान
रहना चाहिए सीखने को आतुर ताउम्र, जहां से भी मिले ज्ञान
देती है नन्ही सी चींटी भी हमें कर्मठता का ज्ञान
मिलता है प्रकृति से हमें परोपकार और उदारता का ज्ञान
हैं प्रथम गुरु मां बाप ही, इस बात से ना रहें हम अनजान
है दर्जा बड़ा गुरु का प्रभु से भी, करें सदा उनका आदर- सम्मान