साहित्य के ये अनमोल सितारे हैं प्रासंगिक आज भी कबीर हमारे हैं। साहित्य के ये अनमोल सितारे हैं प्रासंगिक आज भी कबीर हमारे हैं।
अच्छा हो या बुरा, परोपकार कर या दुष्टता कर्म का फल है मिलता अच्छा हो या बुरा, परोपकार कर या दुष्टता कर्म का फल है मिलता
सहिष्णु मैं नहीं, दूसरे मज़हब की बहुत की अवहेलना, व्यवसाय ही मेरा ईमान, परोपकार से हुआ नहीं कभी सा... सहिष्णु मैं नहीं, दूसरे मज़हब की बहुत की अवहेलना, व्यवसाय ही मेरा ईमान, परोपका...
मिला जो जीवन था तुझे, ईश्वर का वह उपकार था। मिला जो जीवन था तुझे, ईश्वर का वह उपकार था।
'नश्वर-क्षणभंगुर जीवन, नश्वर यह संसार, जब तक जियो करो निस्वार्थ परोपकार।' 'नश्वर-क्षणभंगुर जीवन, नश्वर यह संसार, जब तक जियो करो निस्वार्थ परोपकार।'