संत कबीर
संत कबीर


भक्तिकाल के हैं प्रमुख कवि
अपने दोहों से पहचाने जाते हैं
साखी, सबद, रमैनी के रचयिता
संत कबीर नाम से जाने जाते हैं
बीजक संग्रह हैं इनकी पहचान
मीठी वाणी का करते हैं आह्वान
सन्त संगति का देकर सन्देश
प्रेम का पाठ पढ़ाते हैं
गुरु महिमा का करके वर्णन
जीवन को क्षण भंगुर बताते हैं
आडम्बरों पर करते हैं प्रहार
इनके दोहों में हैं सुंदर विचार
परोपकार का महत्त्व समझाकर
अपना जीवन अनुभव बताते हैं
सधुक्कड़ी भाषा के दोहे इनके
पाठक को प्रभावित कर जाते हैं
निर्गुण काव्यधारा के ये कवि
निर्गुण सगुण का भेद बताते हैं
समाज सुधार की दिशा में
अपने कदम आगे बढ़ाते हैं
साहित्य के ये अनमोल सितारे हैं
प्रासंगिक आज भी कबीर हमारे हैं।