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हरीश सेठी 'झिलमिल'

Abstract Children Stories

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हरीश सेठी 'झिलमिल'

Abstract Children Stories

पहली उड़ान

पहली उड़ान

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चिड़िया ने था एक नीड़ बनाया

तिनके तिनके से उसे सजाया

तीन बच्चे थे प्यारे प्यारे

एक जैसे थे सारे के सारे

चिड़िया दाना चुग्गा लाती थी


बच्चों को बारी बारी खिलाती थी

बच्चे पूछते -माँ ये संसार कैसा है

क्या अपने नीड़ जैसा है

चिड़िया उन्हें बताती थी

कुछ ऐसे समझाती थी


बेटा ये संसार बहुत बड़ा है

ये तो चाँद तारों से जड़ा है

जल्दी तुम्हें उड़ना सिखाऊँगी

सुंदर सुंदर दृश्य दिखाऊँगी

इक दिन सुबह सुबह


जब बच्चों ने आँखें खोली

तब चिड़िया उनसे यूँ बोली

बच्चो मेरे संग संग आओ

उस टहनी पर बैठ जाओ


तुम यहीं बैठे रहना

मैं जल्दी वापिस आऊँगी

तुम्हारे लिए भोजन लाऊँगी

आज तुम्हें उड़ना सिखाऊँगी।


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