जल्दी बताओ जल्दी बताओ
ऐसी भी क्या जल्दी है, ज़रा ठहर सुस्ताने दो। ऐसी भी क्या जल्दी है, ज़रा ठहर सुस्ताने दो।
और रात आंखों में कटती है कांच की तरह। और रात आंखों में कटती है कांच की तरह।
वो आइना नहीं मेरी रूह थी जो आज मुझसे रूबरू थी। वो आइना नहीं मेरी रूह थी जो आज मुझसे रूबरू थी।
जल्दी बोल नहीं तो डायल करूं मैं उनका नंबर ! जल्दी बोल नहीं तो डायल करूं मैं उनका नंबर !
खुशी अपनेपन की अलबेली सी है होती रिश्तों की ये पोटली आख़िर है ही अनोखी। खुशी अपनेपन की अलबेली सी है होती रिश्तों की ये पोटली आख़िर है ही अनोखी।