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हरीश सेठी 'झिलमिल'

Inspirational

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हरीश सेठी 'झिलमिल'

Inspirational

रक्षाबंधन

रक्षाबंधन

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भाई बहन का पावन बंधन

कहते हैं इसे रक्षाबंधन

बहना थी घर पर आई

भाई ने आगे की कलाई

बहन ने रक्षा सूत्र जड़ा

भाई का प्यार उमड़ पड़ा

बहना ने माथे पर टीका लगाया

मिठाई से मुँह मीठा कराया

भाई ने भी वादा किया

बहन की रक्षा का वचन दिया

राखी का त्योहार जब आता है

नई खुशियां,नई उमंगें लाता है

रानी कर्मवती ने भेजा धागा

इतिहास यही बताता है

हुमायूँ ने भी रखी थी लाज धागे की

अपना वचन निभाया था

बहन की रक्षा करके

सबको दिखलाया था

ऐसे हमारे पर्व हैं

सुंदर हैं संस्कार

सार्थक संदेश दे जाते हैं

भारत के त्योहार


 

           


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