STORYMIRROR

हरीश सेठी 'झिलमिल'

Drama

3  

हरीश सेठी 'झिलमिल'

Drama

नववर्ष

नववर्ष

1 min
405

नववर्ष दे हर्ष

नववर्ष दे उत्कर्ष

स्वस्थ हो विमर्श


उत्तम मिले परामर्श

नववर्ष लाए उमंग

बिखेरे खुशियों के रंग

सुंदर जीने का ढंग

रहें सब संग संग


नववर्ष हमेशा हँसाए

जीवन में खुशियाँ लाए

गीत अमन चैन के गाए

वसुधैव कुटुम्बकम की 

भावना जगाए


यही अभिलाषा है हमारी

खुश रहे दुनिया सारी

नई सुबह हो प्यारी

करें स्वागत की तैयारी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama