हरीश सेठी 'झिलमिल'
Abstract
अपना फर्ज बखूबी निभाता है
अंधेरे में दीया ही राह दिखाता है।
बेशक रोशनी कम ही सही
पर समय पर दीया ही काम आता है।
हिंदी
अंतस
प्रकृति का उप...
पहली उड़ान
नववर्ष
दीया
स्वर्ग
रक्षाबंधन
जीवन पथ पर करना पड़ता अथक परिश्रम, मेहनत पूरी-पूरी रहती, मज़दूरी फिर भी कम, सुने खरी खोटी जीवन पथ पर करना पड़ता अथक परिश्रम, मेहनत पूरी-पूरी रहती, मज़दूरी फिर भी कम, सुने...
देश की किताबों में, उन शहीदों को आतंकवादी लिखने वालो की कोई स्याही खत्म कर पाता, काश उन कुर्बानियों ... देश की किताबों में, उन शहीदों को आतंकवादी लिखने वालो की कोई स्याही खत्म कर पाता,...
आ सको तो आज आओ, कल का वादा मत करो, आस को आकाश दो पत्थर की मूरत मत बनो फिर मेरी आँखों से सपने रूठ जाए... आ सको तो आज आओ, कल का वादा मत करो, आस को आकाश दो पत्थर की मूरत मत बनो फिर मेरी आ...
आषाढ़ मात्र नमी लिए था जल से रहित था उसका पात्र आषाढ़ मात्र नमी लिए था जल से रहित था उसका पात्र
सुबह का तो हाल ही मत पूछो, उसे चेहरा तुम्हारा नहीं भूलता, सोया सा मासूम सा,आखें मलते देखती थी तुम सुबह का तो हाल ही मत पूछो, उसे चेहरा तुम्हारा नहीं भूलता, सोया सा मासूम सा,आखें ...
वहां फटे कपड़ों में भी तन को ढका जाता है, यहाँ खुले बदन पर टैटू छापा जाता है, यहाँ बंगले है, कोठी है... वहां फटे कपड़ों में भी तन को ढका जाता है, यहाँ खुले बदन पर टैटू छापा जाता है, यह...
ऊँगली के मृदु स्पर्शों से तन में सिहरन जाग उठे, उठते लाखों भाव मनस में, तब चेहरे पर फाग उठे......... ऊँगली के मृदु स्पर्शों से तन में सिहरन जाग उठे, उठते लाखों भाव मनस में, तब चेहरे...
एक बच्चा सड़क के किनारे बैठे कुछ सोच रहा था, क्या ग़रीब बच्चों के दिल में कोई अरमान नहीं होता ? एक बच्चा सड़क के किनारे बैठे कुछ सोच रहा था, क्या ग़रीब बच्चों के दिल में कोई अर...
मेरी चादर कुछ मैली है थोडा सा सह लोगे क्या ? अभी भोर में बहुत देर है अपनाकर रह लोगे क्या ? मेरी चादर कुछ मैली है थोडा सा सह लोगे क्या ? अभी भोर में बहुत देर है अपनाकर र...
तुम अपनी ऊँगलियों की हरकतों से बुनो दुनिया नई तुम अपनी ऊँगलियों की हरकतों से बुनो दुनिया नई
मौन रहकर भी सदा तुम बोलते अधिकार से हो, बंद हो तुम सीप जैसे तुम खुले अखबार से हो । मौन रहकर भी सदा तुम बोलते अधिकार से हो, बंद हो तुम सीप जैसे तुम खुले अखबार से...
कहाँ तलाश पाती हो/समाधान दृष्टि हीनता के अभाव में उलझी रही आती है पहेली कहाँ तलाश पाती हो/समाधान दृष्टि हीनता के अभाव में उलझी रही आती है पहेली
हाथ कटा कारीगर भी फुटपाथों पर बैठे हैं, ताजमहल के बीचों बीच ये रंगोली किसने बनाई है, खून से सनी दीवा... हाथ कटा कारीगर भी फुटपाथों पर बैठे हैं, ताजमहल के बीचों बीच ये रंगोली किसने बनाई...
लफ़्जों की दुनियादारी में आँखों की सच्चाई क्या? मेरे सच्चे मोती झूठे, उसकी झूठी बातें, सच। कच्चे रिश... लफ़्जों की दुनियादारी में आँखों की सच्चाई क्या? मेरे सच्चे मोती झूठे, उसकी झूठी ...
तेरा मंज़िल नज़र में है तो कदमों को नहीं रोको सफर मे तुम निकल जाओ मै तेरा साथ दे दूंगा तेरा मंज़िल नज़र में है तो कदमों को नहीं रोको सफर मे तुम निकल जाओ मै तेरा साथ द...
ये बाते थोड़ी भ्रामक हैं, पर गर्भ इसका भयानक है...ये चल रही है ब्रह्माँड की गाथा और हम सब इसके वाचक ह... ये बाते थोड़ी भ्रामक हैं, पर गर्भ इसका भयानक है...ये चल रही है ब्रह्माँड की गाथा ...
क्यों थकता है तू क्यों रुकता है तू किसे ढूंढता है और किस पर मरता है तू ये सफ़र अकेले तय करना है तुझे.... क्यों थकता है तू क्यों रुकता है तू किसे ढूंढता है और किस पर मरता है तू ये सफ़र अक...
हमने खुद को किया हवाले हमसे मत उम्मीद करो..अब बस तुम पर ही ठहरी है इस रिश्ते की गहराई.......... हमने खुद को किया हवाले हमसे मत उम्मीद करो..अब बस तुम पर ही ठहरी है इस रिश्ते की ...
प्रेम की पराकाष्ठा क्या है ? एक बड़ा प्रश्न ...जवाब मुश्किल पर कोशिश करते रहते हैं हम ..... प्रेम की पराकाष्ठा क्या है ? एक बड़ा प्रश्न ...जवाब मुश्किल पर कोशिश करते रहते है...
कविता के अभिनन्दन में अदद आवरण अनुचिंतन को बोलो कैसे समझाऊ कविता के अभिनन्दन में अदद आवरण अनुचिंतन को बोलो कैसे समझाऊ