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हरीश सेठी 'झिलमिल'

Abstract

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हरीश सेठी 'झिलमिल'

Abstract

दीया

दीया

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अपना फर्ज बखूबी निभाता है

अंधेरे में दीया ही राह दिखाता है।


बेशक रोशनी कम ही  सही

पर समय पर दीया ही काम आता है।


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