हरीश सेठी 'झिलमिल'
Abstract
अपना फर्ज बखूबी निभाता है
अंधेरे में दीया ही राह दिखाता है।
बेशक रोशनी कम ही सही
पर समय पर दीया ही काम आता है।
हिंदी
अंतस
प्रकृति का उप...
पहली उड़ान
नववर्ष
दीया
स्वर्ग
रक्षाबंधन
लोग कहते माँ मुझे पर मैं बड़ी असहाय हूँ॥ लोग कहते माँ मुझे पर मैं बड़ी असहाय हूँ॥
कुछ प्रश्नों के उत्तर तो मिल चुके थे, पर, फिर भी मैं असंतुष्ट था। कुछ प्रश्नों के उत्तर तो मिल चुके थे, पर, फिर भी मैं असंतुष्ट था।
जीवन बदल दिया । शब्द नाद ने ब्रह्मांड को गुंजित कर दिया । जीवन बदल दिया । शब्द नाद ने ब्रह्मांड को गुंजित कर दिया ।
तुम्हारे लिए मैंने एक गीत लिखा है, गीत में मैंने तुम्हें बेहद खूब लिखा है। तुम्हारे लिए मैंने एक गीत लिखा है, गीत में मैंने तुम्हें बेहद खूब लिखा है।
अपने उसी किले पर मैं अपनी सफलता का परचम लहराऊं। अपने उसी किले पर मैं अपनी सफलता का परचम लहराऊं।
शिक्षक हमारी भाषा है, हम उनकी अभिलाषा है, शिक्षक हमारी भाषा है, हम उनकी अभिलाषा है,
मानवता से मैं हूँ मुझे से मानवता है मैं हूँ शब्द। मानवता से मैं हूँ मुझे से मानवता है मैं हूँ शब्द।
गुरू बिना जीवन का अस्तित्व निरर्थक होता, गुरू ही ज्ञान और विज्ञान की बातें हमें समझाते। गुरू बिना जीवन का अस्तित्व निरर्थक होता, गुरू ही ज्ञान और विज्ञान की बातें हम...
क्यों मज़हब-मज़हब करते हो उस रब से भी ना डरते हो, बना बना के धर्म अनेक आपस में कट मरते हो। क्यों मज़हब-मज़हब करते हो उस रब से भी ना डरते हो, बना बना के धर्म अनेक आप...
बस खाना - डरना और जनना, इतने में ही, इंसान क्यों पड़ा है? बस खाना - डरना और जनना, इतने में ही, इंसान क्यों पड़ा है?
रावण को देखा, फिर शीश झुकाया उसने बड़े प्यार से मुझे उठाया गले लगाया, मेरी पीठ थपथपाया रावण को देखा, फिर शीश झुकाया उसने बड़े प्यार से मुझे उठाया गले लगाया, मेरी ...
समझ सके हे मानव समझो तब हर बन्दर हनुमान है। समझ सके हे मानव समझो तब हर बन्दर हनुमान है।
आंखों के सपने बस कुछ यूं चूर चूर हो गए युवा मारे मारे फिर रहे आंखों के सपने बस कुछ यूं चूर चूर हो गए युवा मारे मारे फिर रहे
हमेशा मेरे साथ रहो और ऐसे प्यार करो जैसे तुम्हें करना चाहिए। हमेशा मेरे साथ रहो और ऐसे प्यार करो जैसे तुम्हें करना चाहिए।
परीक्षाएं देते देते सीता सी तेरी गोद में सो जाती है बेटियां। परीक्षाएं देते देते सीता सी तेरी गोद में सो जाती है बेटियां।
सृष्टि के संचालन में अहम् भूमिका है, एक पिता का होना ----------- सृष्टि के संचालन में अहम् भूमिका है, एक पिता का होना -----------
जब मैं बोल भी नहीं पाता था.. सिर्फ़ मेरे इशारों से मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते दे जब मैं बोल भी नहीं पाता था.. सिर्फ़ मेरे इशारों से मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूर...
, नाक़ाम या मुक़म्मल होना ज़रूरी क्यूँ होता है! , नाक़ाम या मुक़म्मल होना ज़रूरी क्यूँ होता है!
वक्त का क्या मौका ये आए न आए, कि ढह चला है किला दरार के साथ। वक्त का क्या मौका ये आए न आए, कि ढह चला है किला दरार के साथ।
हर गली-२ में शोक मने ध्वज-राष्ट्र तुम्हारा कफ़न बने। हर गली-२ में शोक मने ध्वज-राष्ट्र तुम्हारा कफ़न बने।