Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

हरीश सेठी 'झिलमिल'

Abstract

2.5  

हरीश सेठी 'झिलमिल'

Abstract

स्वर्ग

स्वर्ग

1 min
291


स्वर्ग

है तो इक

छोटा सा शब्द

पर 

होता है अहसास

जैसे हो

हरा भरा संसार

फूल, फल,पत्ते

बाग-बगीचे

खिले चेहरे

ख़ुशियाँ बाँटते

अनन्त

गुणों का भंडार

धर्मग्रंथ, सत्संग,

बड़े बुजुर्ग

अक्सर समझाते हैं

महत्त्व 

स्वर्ग का वे बताते हैं


मन, कर्म, वचन

शुद्ध रखो

मत दुखाओ

दिल किसी का

निभाओ

शिद्दत से

अपना किरदार

तभी मिल पाएगा

आपको

स्वर्ग का आधार


पर है विडंबना 

कि जो चला गया

वो वापिस लौट

कर नहीं आया

आज तक

स्वर्ग के बारे में

प्रत्यक्ष

किसी ने भी

नहीं बताया

यूँ तो

कश्मीर को

धरती पर

स्वर्ग बताया जाता है


पर स्वर्ग नरक का

असली भेद

समझ नहीं आता है

जन्म मरण

से छुटकारा

जब खुलता

दसवाँ द्वारा

नाम शब्द है

आधारा

सबके अपने-अपने

तर्क हैं

अपनी-अपनी आशा

शायद कभी 

मिल जाए

स्वर्ग की

असली परिभाषा


   


          



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract