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Vandana Bhatnagar

Inspirational

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Vandana Bhatnagar

Inspirational

बेटियां

बेटियां

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बेमिसाल, मासूम सी होती है बेटियां

चिंता का सबब नहीं, चिंता को दूर भगाती है बेटियां

किसी सहारे की जरूरत नहीं उन्हें,सहारा बनती हैं अब बेटियां

नहीं चाहती धन, दौलत, जायदाद बेटियां

बस चाहती हैं थोड़ी सी आज़ादी, प्यार और परवाह बेटियां

घर तो रोशन करती ही हैं, नाम देश का भी रोशन करती हैं बेटियां

सच है, किसी भी मामले में बेटों से कम नहीं होती हैं बेटियां

अपनी मुस्कान से हर लेती हैं दर्द बेटियां

मां की जान और पिता का अभिमान होती हैं बेटियां

दूसरे का घर बसाने को अपना परिवार छोड़ देती है बेटियां

वीरान हो जाता है घर, जब घर से विदा होती है बेटियां

बहू बनते ही अल्हड़ से समझदार बन जाती है बेटियां

छोड़ दें बेटे भले ही मंझधार में ,मरते दम तक साथ देती हैं बेटियां

खुशनसीब हैं वो जिनके घर पैदा होती हैं बेटियां

बदलाव तो आया है सोच में, अब दुआ में लोग मांगते हैं बेटियां

अब कोख में मरना हो गया कम, अब पढ़ती लिखती फलती फूलती हैं बेटियां।


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