" पागलपन की हद है यार "
" पागलपन की हद है यार "
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तुम्हारी भी सुनी जायेगी
तुम जरा भरो तो हुंकार
कैसे कोई नहीं सुनेगा
जोड़ो दिल से दिल के तार।
दिल को जो लग गई तो
देखो..वह गिर गया छपाक
झूठ लिखा था जो इतिहास
वह भी होगा तार-तार।
जरा सा जो दिया ठहोका
सड़को पर करें जूतम-पैजार
बाल नोंच रहे लेकर तिरंगा
पागलपन की हद है यार।