Arunima Bahadur

Inspirational

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Arunima Bahadur

Inspirational

शिक्षक

शिक्षक

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दीप सा नित प्रज्वलित होकर,

अंधियारे को करते दूर।

भास्कर की अंशुमा बन,

ज्ञान भी देते भरपूर।

नित नित नई प्रेरणा देकर,

सदा संवारते आप पूज्यवर।

शब्दो का भंडार बहुत कम है,

शिक्षक के हो चरण जहाँ।

सींच सींच जो शसक्त तरु बनाते,

विरले शिक्षक हैं यहाँ।

बन तरुवर तुम देते छाया,

तुम सम शिक्षक न दूजा पाया।

नित नित नव सूत्र पिरोकर,

जीवन आपने हमारा सजाया।

नित नए पौध सींच कर,

वृक्ष शसक्त हमे बनाया।

शब्द भी जहाँ कम हो जाते,

गुणगान जब आपका गाया।

सर्वश्रेष्ठ हो आप ही शिक्षक,

जीवन जीना जिसने सिखाया।

नत मस्तक हो नवीन अरुणिमा ने,

ओशी संग गीत ये गाया।

धन्य धन्य हैं हर पल जीवन,

सानिध्य जबसे आपका पाया।

मार्गदर्शक हो आप हमारे,

जीवन पथ पर चलना सिखाया।।


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