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Ramashankar Roy 'शंकर केहरी'

Inspirational

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Ramashankar Roy 'शंकर केहरी'

Inspirational

राम पीडा

राम पीडा

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सरल है बात बात में राम राम कहना

कठिन है मुश्किल घड़ी में राम बनना।


दुख में जग सब सुमिरे तारन हार राम को

खुशियों मे कौन याद करता बिन काम को।


बिगड़ी बनाने को पुकारे सब राम को

उपल्बधि श्रेय देते सब निज काम को।


सोचना क्यों खाया होगा सेवरी का जूठा बेर

शायद मिटाना चाहा ऊंच नीच का झूठा फेर।


विभीषण को जीती लंका लौटा दिया था

लोक लाज के लिए सीता को निकाला था।


सात फेरों में किस फेरे मे ऐसा वचन होगा

अर्धांगनी को जंगल महल दोनो में कष्ट होगा।


क्या गुजरी होगी मर्यदा पुरषोतम राम पर

मौत लक्ष्मण को दी होगी रघुरिति के नाम पर।


राम का नाम भवसागर पार करा देता है

राम बनना जीवन को असहय बना देता है।


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