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अलका 'भारती'

Inspirational

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अलका 'भारती'

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चंदन माटी

चंदन माटी

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धर्म हमारा रूठ न जाये ।

कर्म हमारा छूट न पाये ॥

वंदन सेवा धर्म सुहाना ।

चंदन माटी सौंध समाना ॥


कंचन काया क्लेश जगावे ।

भूख समावे हाय रुलावे ॥

छोड़ न पाये मोह मवाली।

ईश बचाये आस लगा ली॥


कांड सभी हैं नीच निराले।

दानव हिंसा से मन पाले॥

काग कलूटे हैं कजरारे ।

चाम अनूठी केंचुल हारे॥


छद्म हुए हैं रूप अनोखे ।

भेद न पाये अंतर धोखे ॥

आज मचा है तांडव सारा ।

सत्य पथी माँगे उजियारा ॥



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