वीर जवान
वीर जवान
ये हसीन वादियों की शाम, फूलों से भरी खुशबू,
ये सूरज की किरणें,सुकून भरे रास्ते,
आजाद पंछी की तरह उड़ना, बेखौफ़ राह,
ये उस खुदा का है, लेकिन इसे सीचा उस माँ ने है,
जिसने अपने लहू को इस धरती के लिए कुरबान किया ।
नमन् उस माँ को, जिसने अपने वतन को ये लाल सौंपा,
नमन् उस पिता को, जिसने अपने सहारे के लाठी सौंप दी,
नमन् उन जवानोंको जो सारी बंधन भूल इस देश को नाम हो गए,
नमन् उन के परिवारों को, जिन्होंने आह तक न की अपनी कुर्बानी पे।
ये भूमि जितनी पवित्र है,
उसे पवित्र रखा है इन शहीदों की शहादत ने,
शहादत की विरासत ले वो लौटते हैं,
फिर से अपनी राहों को मातृभूमि के तरफ़ ले चलते हैं।