ट्रैवेल प्रोफेशनल, स्वतंत्र विचारक ,यायावर अल्हड़ लेखक
कि भगवान किसी ख़ास जीव में नहीं, सबमें रहता है। बस देखने की जरूरत है।” कि भगवान किसी ख़ास जीव में नहीं, सबमें रहता है। बस देखने की जरूरत है।”