Pradeepti Sharma
Inspirational
ये तेरा हौसला है
जो हर तूफ़ान में भी तू,
डगमगाया नहीं,
हज़ारों ठोकरे खाकर भी तू,
लड़खड़ाया नहीं,
बस चलता रहा कदम से कदम मिलाकर,
एक निडर सिपाही सा,
ज़िन्दगी की लड़ाई में,
फ़तह का झंडा फैलाने के लिए।
तुम हर मौसम य...
इंदुकला
इन्साफ
एक प्रेम ऐसा ...
वक़्त
जीवंत
सड़क
ठहराव
स्वीकृति
धारा
जब लक्ष्य तेरा निश्चित है मंज़िल तुम्हें पुकार रही तब विजय ही विकल्प है। जब लक्ष्य तेरा निश्चित है मंज़िल तुम्हें पुकार रही तब विजय ही विकल्प है।
धीरे धीरे चल रहे हैं, मंद मंद रफ़्तार से, तोड़ बेड़ियाँ बंधन अब बस, गति पकड़ना बाकी है। धीरे धीरे चल रहे हैं, मंद मंद रफ़्तार से, तोड़ बेड़ियाँ बंधन अब बस, गति पक...
कैसे कमाया जाता है, एक -एक रुपया, जिंदगी की दौड़ में, रुपए की कीमत ना घटायें कैसे कमाया जाता है, एक -एक रुपया, जिंदगी की दौड़ में, रुपए की कीमत ना घ...
मां सती के साथ-साथ मां दुर्गा का रूप हूँ! मां सती के साथ-साथ मां दुर्गा का रूप हूँ!
देख लेना यारो एक दिन नई बयार चलेगी तेरे अन्दर मेरे अंदर एक बात साथ चलेगी। देख लेना यारो एक दिन नई बयार चलेगी तेरे अन्दर मेरे अंदर एक बात साथ चलेगी।
बच्चों की उदासी पर, खुद आँसु बहाए वो हमारी माँ कहलाए... बच्चों की उदासी पर, खुद आँसु बहाए वो हमारी माँ कहलाए...
फ़िर भी मंज़िल से पहले क़दम डगमगा कैसे जाए। फ़िर भी मंज़िल से पहले क़दम डगमगा कैसे जाए।
सभी तब बुद्ध होगा सभी तब बुद्ध होगा
तोड़ के सारे कुंठित बंधन आजाद हो जाने दो अपना मन तोड़ के सारे कुंठित बंधन आजाद हो जाने दो अपना मन
और तुम भी दुनिया को उनके जैसे प्रेम का पाट पढ़ाओ। और तुम भी दुनिया को उनके जैसे प्रेम का पाट पढ़ाओ।
हाथों हाथ लोग उसे लेकर मन मस्तिष्क के ऊपरी पायदानों पर रख इतराते हैं !! हाथों हाथ लोग उसे लेकर मन मस्तिष्क के ऊपरी पायदानों पर रख इतराते हैं !!
डूबते वक्त भँवर पूछ रहा है साहिल से जब किनारे से चले तो अंदाज देखिए। डूबते वक्त भँवर पूछ रहा है साहिल से जब किनारे से चले तो अंदाज देखिए।
कभी मलमल के साथ तो कभी काटो के साथ रहना सीखो। कभी मलमल के साथ तो कभी काटो के साथ रहना सीखो।
दरिया कितना ही भरा हुआ क्यो न हो रोज पानी पीने से वो भी खाली होता है दरिया कितना ही भरा हुआ क्यो न हो रोज पानी पीने से वो भी खाली होता है
जहां मन से मन की न हो दूरी, जहां हमसफ़र करे एक दूसरे की ख़्वाहिश पूरी, जहां मन से मन की न हो दूरी, जहां हमसफ़र करे एक दूसरे की ख़्वाहिश पूरी,
मैं जब इन हालातों को देखता हूँ, तो मुझे डर लगने लगता है, मैं जब इन हालातों को देखता हूँ, तो मुझे डर लगने लगता है,
उसी नारी के कारण ही तो सौ कौरव का नाश करने पांच पाण्डव रणभूमि आ जाते हैं। उसी नारी के कारण ही तो सौ कौरव का नाश करने पांच पाण्डव रणभूमि आ जाते हैं।
समृद्ध करे देश को, देशवासी मिले काम। समृद्ध करे देश को, देशवासी मिले काम।
हर साल की तरह इस साल भी हम रावण का पुतला जलाएंगे। हर साल की तरह इस साल भी हम रावण का पुतला जलाएंगे।
इस विकट समस्या का समाधान भी निश्चित आयेगा इस विकट समस्या का समाधान भी निश्चित आयेगा