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Pradeepti Sharma

Inspirational

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Pradeepti Sharma

Inspirational

स्वीकृति

स्वीकृति

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तालिका की सतह पर,

ये हल्की गहरी रेखाएँ,

कोई लम्बी,

 कोई छोटी,

कोई पतली,

कोई मोटी,

कहीँ कटी,

कहीँ रुकी,

कहीँ बँधी,

कहीँ खुली,

कहीँ उठी,

कहीँ झुकी,

कहीँ दौड़ती,

कहीँ लहराती,

कहीँ मिलती,

कहीँ जुदा होती,

कहीँ चिन्ह हैँ,

कहीँ दाग़ हैँ,

कुछ मिटा सा है,

कुछ छुपा सा है,

कुछ बदलता है,

कुछ स्थायी है,

ना जाने क्या राज़ है इनमें,

ना जाने क्या खुलासे हैँ,

ना जाने क्या बातें हैँ,

ना जाने क्या किस्से हैँ |

जो भी है,

वो यहीं है,

इन्हीं रेखाओं में,

भूत,

वर्तमान, और 

भविश्य भी,

काल,

और पल भी,

सम्पूर्ण,

और अधूरा भी |

ये स्वीकृति है,

इस भाग्य की,

कर्म की,

और कारण की,

प्रत्यक्ष के प्रमाण है,

तर्क के विज्ञान है,

विश्वास की,

शंका की,

उम्मीद की,

हताशा की,

वेदना की,

संवेदना की,

लाभ की,

हानि की,

स्मृति की,

कल्पना की,

इस जीवन के-

क्षणभंगूर रूप की,

स्वीकृति है |


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