बवाल और मजा
बवाल और मजा
आ बैल मुझे मार
हा हा हा हा हा हा हा!
मतलब की खुद की जिन्दगी में खुद ही करे बवाल
और फिर बोले हाये मेरे राम, हाये मेरे राम।।
शादी सबसे बड़ा उदाहरण,
ऑरेंज मैरिज हो तो घर वाले "ढूंढ़े,"
कोई प्रॉब्लम आ गयी तो
जाके बिचौलियों को "कुटे," ,
फिर देखो कैसा मचता हैं धमाल।।
दूसरी तरफ लव मैरिज को ही ले लो
खुद ही लग जाते है मुसीबत ढूंढ़ने यार
अच्छी खासी जिंदगी चल रही होती हैं
खाओ-पीयो मौज उड़ाओ
परिंदे की तरह उड़ो और नाचो गाओ।।
फिर अचानक हरी -हरी घास चरने का मन करने लगता है
सूखे मैदान भी हरे- भरे दिखने लगते है,
मिजाज अपने बदलने लग
ते हैं।।
कुछ समय बाद एहसास होता है जब
हरी घास भी चुभने लगती हैं,
"मुँह" खोलने में भी बड़ी ताकत लगती है।।
खुद का बैल खुद की घास,
अब किसको कुटे यार ,
अपनी ही गलती का जब सीखने लगो
अपने दिमाग मै एक सकारत्मक सोच रखों
तब बैलों को भी खूंटी से बांध सकते है,
एक संकल्प कर आगे बढ़ सकते है
कई बेहतरीन काम कर सकते है
और अपनी ही जमी में मेहनत कर
एक नयी फसल उगा सकते है
जीवन को स्वर्णिम सुन्दर रूप दे सकते है।।
पर सच कहूँ दोस्तों
जब तक बवाल न हो मजा अधूरा रहता है
ये बवाल ही तो नये रास्ते हमें देते है।।