न चुप रह सकें न कह ही पाएँ कम्बख्त ये ख़याल कैसा है ? न चुप रह सकें न कह ही पाएँ कम्बख्त ये ख़याल कैसा है ?
कभी गलत तो कभी सही, सबका यही हाल है। कभी गलत तो कभी सही, सबका यही हाल है।
एक सवाल नहीं, बस एक बवाल है। एक सवाल नहीं, बस एक बवाल है।
निजी ज़िन्दगी से लेकर सामाजिक ज़िन्दगी तक , हर नयी दिशा के साथ 'बवाल ' मचना जुड़ा है। निजी ज़िन्दगी से लेकर सामाजिक ज़िन्दगी तक , हर नयी दिशा के साथ 'बवाल ' मचना जुड़ा...
बस एक बवाल है। बस एक बवाल है।
हृदय किया तुझ जैसा अति विशाल फिर भी देख स्वार्थी जग का यह हाल जन्म से पूर्व मुझे ले... हृदय किया तुझ जैसा अति विशाल फिर भी देख स्वार्थी जग का यह हाल जन्म ...