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Ashutosh Singh

Romance

3  

Ashutosh Singh

Romance

इश्क़ में मत पूछो मेरा हाल

इश्क़ में मत पूछो मेरा हाल

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इश्क़ नें मत पूछो मेरा हाल कैसा है 

न चुप रह सकें न कह ही पाएँ 

कम्बख्त ये ख़याल कैसा है ?



उनकी हर बात होती है सर आँखों पर 

फिर क्यों वो पूछते नहीं कभी मेरा

हाल 

कम्बख्त ये जाल कैसा है ?


झुकाकर पलकें कभी हौले से कहते हैं 

"क्या हुआ "

की खुद जवाब देकर पूछते हैं 

कहो ये सवाल कैसा है ?


धड़कन रुक सी जाती है 

उनके बस मुस्कुराने से 

मोहब्बत कमाल ये कैसा है ?


जो तुम समझ गए तो कर न पाओगे 

और हो गया तो समझ न पाओगे 

इश्क़ ख़्याल, कमाल, जाल और 

बवाल ये कैसा है ...


इश्क़ नें मत पूछो मेरा हाल कैसा है 

न चुप रह सकें न कह ही पाएँ 

कम्बख्त ये ख़याल कैसा है ? 


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