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Ranjana Mathur

Inspirational

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Ranjana Mathur

Inspirational

आभार

आभार

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ऐ मात वसुंधरे!

मैं कैसे तेरा साथ

शुक्रिया अदा करूं

सीखी तुझसे विहंगमता

असीमित

अपनाया तेरा गांभीर्य

अपरिमित


हृदय किया

तुझ जैसा अति विशाल

फिर भी देख स्वार्थी

जग का यह हाल

जन्म से पूर्व मुझे

लेकर होते

अक्सर बवाल

ले लूं जन्म तो ता

ज़िन्दगी जीना मेरा

लोग कर देते मुहाल।


ऐ अवनि!

तू इन अधर्मी मूर्खों की

कमान संभाल

वरना तेरी ये

धीर-गंभीर

विशाल हृदया सुता

बन जाएगी विकराल

तब यह नारी होगी दुर्गा

और बनेंगे सर्वाभूषण

उसके बरछी भाला

कृपाण और ढाल।



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