प्रलयंकारी रूप धरूँगी, बनूँगी तेरा काल। प्रलयंकारी रूप धरूँगी, बनूँगी तेरा काल।
लूटा है फिर सबने मिलकर ना समझ ही पाए, बलिदान को मेरे। लूटा है फिर सबने मिलकर ना समझ ही पाए, बलिदान को मेरे।
हृदय किया तुझ जैसा अति विशाल फिर भी देख स्वार्थी जग का यह हाल जन्म से पूर्व मुझे ले... हृदय किया तुझ जैसा अति विशाल फिर भी देख स्वार्थी जग का यह हाल जन्म ...
गीदड़ों का घेरा है माली भी सपेरा है बदला सूर्यास्त है सांझ अब सवेरा है गीदड़ों का घेरा है माली भी सपेरा है बदला सूर्यास्त है सांझ अब सवेरा है
हर तरफ पाखंड करता नाच बुझी धर्मज्योति की ये आग, कुछ नहीं सिर्फ है एक ज्ञान, नजरबंद जादू और चमत्का... हर तरफ पाखंड करता नाच बुझी धर्मज्योति की ये आग, कुछ नहीं सिर्फ है एक ज्ञान, न...
ईश रचयिता, रचयिता सर्वस्व, सर्वस्व आहत, आहत कौन ? ईश रचयिता, रचयिता सर्वस्व, सर्वस्व आहत, आहत कौन ?