Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Ranjana Mathur

Inspirational

4  

Ranjana Mathur

Inspirational

ज्वाला प्रचंड

ज्वाला प्रचंड

1 min
237



अब बीत चुका वह समय जब

मेरी दुनिया थी घर आंगन।

हालातों ने किया विवश है

तब मैंने संभाला रणआंगन।

मर्यादा की ओट लिए

मैं अग्नि प्रखंड हूँ

भारत की प्रबला नारी हूँ

मैं ज्वाला प्रचंड हूँ। 


अबला कह नारी को जग ने

चहुंओर किया था प्रतिबंधित।

घूंघट पर्दा और मर्यादा की

सीमा में किया था अनुबंधित।

सदियों से पुरुषों के हाथों

हुई मैं खंड-खंड हूँ

भारत की प्रबला नारी हूँ

मैं ज्वाला प्रचंड हूँ। 


ओ मानव अधम तू दंभ न कर

विस्मृत न कर अपनी संस्कृति।

वीरांगना है भारत की नारी

कर स्मरण दुर्गा की शक्ति।

झूठे अहं को देने

आई मैं दंड हूँ

भारत की प्रबला नारी हूँ

मैं ज्वाला प्रचंड हूँ।


सिंह पुत्री मैं गर्जन सुन मेरा

चिंगारी नहीं मैं हूँ ज्वाला

दावानल में दहकेगा पापी

क्रोध का तू बनेगा निवाला

जो न कभी निस्तेज हो ऐसी

ज्योति मैं अखंड हूँ

भारत की प्रबला नारी हूँ 

मैं ज्वाला प्रचंड हूँ। 


मुझको न कहना शर्मीली

घूंघट सिर्फ इक मर्यादा है।

पापी दुष्टों को न बख्शूंगी

मेरा समाज से यह वादा है।

दंभ दर्प और अभिमानी

का तोड़ती मैं घमंड हूँ

भारत की प्रबला नारी हूँ

मैं ज्वाला प्रचंड हूँ। 


पास भी फटकने से बचना

हाथ नहीं ये हथियार

मर्यादा आई आंच तो देखना 

मेरा निशाना मेरा वार

नव युग की हूँ वीर स्त्री मैं

अस्त्र-शस्त्र से सम्बद्ध हूँ

भारत की प्रबला नारी हूँ

मैं ज्वाला प्रचंड हूँ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational