आँखें
आँखें
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चाँद को अपलक हैं निरखती व्याकुल हुई चकोरी आँखें।
नन्हे बालक की कौतुक से आप्लावित हैं कोरी आँखें।
सब कुछ कर गुजरेंगे ऐसी ऊर्जा भरी किशोरी आँखें।
सुख-दुख की जीवन नैया को खेती मैया तोरी आँखें।
पिय आवन की बाट जोहती प्रिया की नीर कटोरी आँखें।
राम-राम रटती हैं सिय की अनुरागी विभोरी आँखें।
मुनिया की हो रही उनींदी सुनकर माँ की लोरी आँखें।
राधा संग कर रहीं ठिठोली कान्हा की बरजोरी आँखें।
लाख छिपाओ नहीं छिपेगी हर दिल की कमज़ोरी आँखें।
अलग-अलग फिर भी इक सी हैं तोरी आँखें
मोरी आँखें।