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Ojasv Kapse

Abstract

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Ojasv Kapse

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कार्तिक मास की महिमा

कार्तिक मास की महिमा

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*सार छंद* 

28 मात्रा, यति-16, 12, पदांत -22 

*कार्तिक मास की महिमा*


योगी निंद्रा तज नारायण, कर्म सुधा पथ पाए।

सुख समृद्धि धन वैभवशाली, कार्तिक मास सुहाए।।(1) 


रोग नष्ट तन-मन के सारे ,शोक न‌ आए दूजा।

धूप दीप कर अर्चन तुलसी, नारायण की पूजा।।(2) 


पुण्य कर्म सह दान करें जो, सकल पाप कट जाते।

मोक्षदायनी तुलसी का मन, नारायण पढ़ पाते।।(3) 


उड़द मूंग सह मटर चना भी, मत सेवन कर राई।

प्याज मांस लहसुन मद त्यागे, होते अति दुखदाई।।(4) 


भूमि शयन कर पावन सात्विक, जीवन शुद्ध‌ बनाए।

निंदा चुगली वाद-विवादी, प्रथा नहीं अपनाए।।(5) 


यज्ञ पाठ गीता शुभ वाचन, मंत्र जाप कर माला।

तुलसी नारायण रवि पूजे, मिट जाता हर हाला।।(6) 


करवाचौथ शुभम धनतेरस, दीपोत्सव की महिमा।

गोवर्धन छट शुभ एकादश, कार्तिक मासी गरिमा।।(7) 


दीपदान पोखर तट आलय, अक्षय शुभ फल दाता।

मानुष ब्रह्मचारिणी पालन, सुखद सहज व्रत भाता।।(8) 


ज्यों सावन शिव मास सुहाए, कार्तिक विष्णु सुहाता।

तुलसी विवाह सह प्रिय बंधन, जीवन शुभ सुखदाता।। (9) 


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