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chandraprabha kumar

Inspirational

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chandraprabha kumar

Inspirational

अपनी हिन्दी हो राष्ट्रभाषा

अपनी हिन्दी हो राष्ट्रभाषा

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अपनी मातृभाषा हिन्दी 

सकल गुणों की खान,

इसकी वर्णमाला सम्पूर्ण 

सभी ध्वनियों को स्थान। 


पढ़ने में सरल ,सीखने में सरल

जैसा लिखा जाता इसको ,

वैसे ही बोला जाता इसको

वैसे ही पढ़ा जाता इसको। 


हिन्दी भाषा जन-जन की बोली

हिन्दी भाषा जन-जन की प्यारी,

फिर भी इसको मिलता नहीं सम्मान 

कहलाती कम पढ़ाई का निशान।


अंग्रेज़ी बोलने में समझते शान

हिन्दी पढ़ाई पर नहीं देते ध्यान,

 स्कूलों में भी उपेक्षित है हिन्दी

 बच्चे पढ़ नहीं पाते ठीक से हिन्दी। 


आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थी 

समझ नहीं पाते ठीक से हिन्दी,

अक्षर मात्रा भी लिख नहीं पाते

शब्दों को ठीक से पहचान न पाते। 


केवल हिन्दी की कीर्ति गाथा से

 कुछ भी लाभ नहीं होगा,

जब तक स्कूलों में हिन्दी की

पढ़ाई ठीक से नहीं होगी ।


हिन्दी की सही वर्तनी, मात्रा और

उच्चारण पर ध्यान दिया जाना,

लिखावट पर ध्यान दिया जाना

अर्थ पर ध्यान दिया जाना ज़रूरी है। 


हिन्दी बने रोज़गार की भाषा

हिन्दी बने कामकाज की भाषा

हिन्दी बने नौकरी पाने का ज़रिया 

हिन्दी अध्ययन में हो उच्च गुणवत्ता ।


हिन्दी को मिले विश्व में उचित सम्मान,

बने यह आधुनिक विज्ञान की भाषा,

बने यह प्रगति की मानक भाषा 

हिन्दी बने हमारे राष्ट्र गौरव की भाषा। 

 



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